चाँद की लिखाई

चाँद की लिखाई

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3 बजे की छाया ने माँ को याद कर दिया!

Did you ever capture the quiet beauty of a naked shadow at 3 a.m. — and call it art?

3 बजे की छाया? अरे भई! मैंने सोचा कि ये सिर्फ़ स्क्रीन सेव है… पर हर पिक्चर में माँ की सांस है।

कमरे में जब पड़ती है वो हल्की सवेदना…

कुछ ‘likes’ के लिए shoot करते हैं?

नहीं…

हम ‘presence’ shoot करते हैं —

जब प्रतिबिम्ब में मुस्कान पढ़ता है।

पुराना पलटन?

यहाँ…

मुझे पता है —

आपकी माँ भी 3 AM पर window se ghabri ke peeche khadi thi dekhti rahi hogi… 🌙

Comment kar do agar tum dare to remember… not just see.

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2025-11-14 05:54:13

Perkenalan pribadi

मैं मुंबई की एक चुपचुपी आर्टिस्ट हूँ, जो अपने कैमरे से सिर्फ़ सुंदरता नहीं, बल्कि आत्मा को पकड़ती हूँ। हर तस्वीर में मेरी सांझ, हर पिक्चर में कोई साया। मैंने कभी 'ब्यूटिफुल' को पढ़ा, पर 'खूबसुंद' को महसूस किया। हमेशा: हज़ारों सवालों के जवाब, एक पिक्चर में। —— aisha.meijpg